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varaha temple pushkar Ajmer – भगवान विष्णु के तीसरे अवतार भगवान वराह का मंदिर, पुष्कर अजमेर 

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varaha temple pushkar Ajmer – वराह मंदिर पुष्कर अजमेर

वराह मंदिर (varaha temple pushkar) भगवान विष्णु को समर्पित है और वराह जिसे सूअर भी कहा जाता है, यह भगवान विष्णु के अवतारों में से तीसरे नंबर का अवतार था।

पौराणिक धर्म ग्रंथो के अनुसार वराह अवतार की कथा – varaha Avatar story

हमारे पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को वराह के रूप में अवतार लिया था।
वराह यानी शूकर, यह भगवान विष्णु के 24 अवतारों में तीसरे नंबर का अवतार माना जाता है।
 हमारे महाकाव्यों में ऐसा वर्णित है कि, राक्षस हिरण्याक्ष से पृथ्वी को बचाने के लिए और जीव जगत की सुरक्षा के लिए भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया था।

वराह मंदिर के विषय में जानकारी – about varaha temple Pushkar

वराह मंदिर पुष्कर में स्थित मंदिरों में से एक प्रमुख मंदिर है। पुष्कर में स्थित वराह मंदिर अपने इतिहास और अपनी वास्तुकला के लिए पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में दर्शन हेतु किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है और यह मंदिर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक खुला रहता है। दिन में किसी भी समय आ कर यहां भगवान वराह के दर्शन किए जा सकते हैं।

वराह मंदिर का इतिहास – history of varaha temple Pushkar

वराह मंदिर का इतिहास इस प्रकार है, कि इसका निर्माण कार्य 12 वीं शताब्दी में राजा अनाजी चौहान ने प्रारंभ किया था। इसके बाद मुगल काल में सम्राट औरंगजेब ने 1727 में वराह मंदिर को नष्ट कर दिया था। बाद में जयपुर के राजा सवाई जयसिंह ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया।

वराह मंदिर के आसपास दर्शनीय स्थल – attractions around varaha temple Pushkar

वराह मंदिर के आसपास अन्य कई पर्यटन स्थल भी हैं जैसे कि पुष्कर झील, पुष्कर पशु मेला, ब्रह्मा मंदिर, सावित्री मंदिर, पापमोचनी मंदिर, नाग पहाड़, आत्मेश्वर मंदिर, रोज गार्डन, मोती महल, रंगजी मंदिर, सिंह सभा गुरुद्वारा, दिगंबर जैन मंदिर आदि।

आगंतुकों के लिए जानकारी – information for visitors

भारतीय पर्यटक और विदेशी पर्यटक सभी के लिए यहां पर प्रवेश निशुल्क है। किसी भी प्रकार का कोई भी शुल्क पर्यटकों से नहीं लिया जाता है।
मंदिर में पर्यटक सुबह से लेकर सूर्यास्त तक किसी भी समय दर्शन कर सकते हैं। मंदिर परिसर में घूम सकते हैं। मंदिर की वास्तुकला और बनावट को देख सकते हैं।
सामान्यतया मंदिर परिसर में घूमने और देखने के लिए एक घंटा पर्याप्त समय रहेगा।

वराह मंदिर मैप – varaha temple Pushkar map

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