Mcleodganj Himachal Pradesh मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश
( Mcleodganj ) मैक्लोडगंज में ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों के लिए बेहतरीन जगह है, साथ ही उन लोगों के लिए जो एडवेंचर की तलाश में रहते हैं| यहां पर प्राचीन धौलाधार रेंज के दिल दहला देने वाले ट्रैक से लेकर दलाई लामा के मंदिर परिसर की शांति तक सब कुछ ( Mcleodganj ) मैक्लोडगंज में आपको देखने को मिल जाएगा| तो आइए चलते हैं ( Mcleodganj ) मैक्लोडगंज के एक खूबसूरत सफर की ओर।
Vipassana meditation centre Kangra Mcleodganj विपश्यना ध्यान केंद्र कांगड़ा मैकलोडगंज
विपस्सना ध्यान केंद्र, मैकलोडगंज के पर्यटन स्थलों में से एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह स्थल न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी एक बेहतरीन स्थल है। यहां मन को असीम शांति प्राप्त होती है, और एक सुखद अहसास होता है। यह कांगड़ा मैक्लोडगंज में स्थित है और यह केंद्र मैकलोडगंज शहर की हलचल से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर पहुंचने के लिए कैब का उपयोग किया जा सकता है।
Triund Trek Mcleodganj
Triund Trek एक शांतिपूर्ण आकर्षक और आनंददायक ट्रैकिंग गंतव्य है| यह धर्मशाला से 18 किलोमीटर दूर धौलाधार रेंज और कांगड़ा घाटी के खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य को अपने में समेटे हुए हैं।
Triund Trek मार्ग बहुत ही रोमांचकारी मार्ग है, जोकि ओक, देवदार और रोड ओंडेट ड्रोन के अद्भुत मिश्रित जंगल से होकर गुजरता है। ट्रेकिंग के दौरान आप धने देवदार के जंगल और कांगड़ा घाटी के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकते हैं।
Bhagsunag waterfall Mcleodganj भागसुनाग वॉटरफॉल मैकलोडगंज
मैक्लोडगंज में भागसुनाग जलप्रपात बेहद ही खूबसूरत स्थान है और भागसुनाग के पवित्र गांव में भगवान शिव को समर्पित है।
यह जलप्रपात धर्मशाला की पहाड़ियों में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 6960 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक खूबसूरत स्वर्ग के समान दिखाई देने वाला स्थान है। यहां पर रमणीय पहाड़ियां, झरने, मंदिर आदि देखे जाते हैं जो कि आपके दिल और दिमाग को एकदम तरोताजा कर देते हैं।
भागसुनाग जलप्रपात मैकलोडगंज के मुख्य केंद्र से अधिक दूर नहीं है और आसानी से पैदल ही यहां तक पहुंचा जा सकता है। मैकलोडगंज के मुख्य केंद्र से लगभग 30 से 45 मिनट की पैदल दूरी पर भागसुनाग झरना स्थित है और धर्मकोट से यह लगभग 20 मिनट की पैदल दूरी पर स्थित है।
भागसुनाग पहुंचने के लिए टैक्सी ले सकते हैं जो मैक्लोडगंज में उपलब्ध रहती हैं और कम कीमत पर आपको भागसुनाग तक पहुंचा सकती है।
Dharamkot Mcleodganj धरमकोट मैकलोडगंज
धर्मकोट, धर्मशाला और मैकलोडगंज के पास हिमालय में एक छोटा सा गांव है। धर्मशाला हिमाचल प्रदेश भारत में एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल है। धर्मशाला और मैकलोडगंज दोनों में अत्यधिक भीड़ भाड़ रहती है क्योंकि वे ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए बेहतरीन गंतव्य है।
यह स्थान खूबसूरत तो है ही साथ ही यहां पर आकर आपको एक आध्यात्मिक शांति प्राप्त होगी। धर्मकोट एक छोटा योग गांव है जो कि आज की भागदौड़ की जिंदगी में जैसे एक ठहराव है।
धर्मकोट के लिए मैकलोडगंज बस स्टॉप से एक छोटा रास्ता है जो आपको इत्मीनान से चलने पर 15 मिनट का समय लेगा और आप आसानी से धर्मकोट पहुंच जाएंगे।
धर्मकोट पहुंचने पर आपको आसपास खूबसूरत कैफे मिल जाएंगे, जहां आप अपनी थकान दूर कर सकते हैं, साथ ही बेहतरीन भोजन और चाय या कॉफी पी सकते हैं।
Kareri lake Mcleodganj करेरी झील मैकलोडगंज
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में लगभग 2950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित करेरी झील एक ताजे पानी की प्राकृतिक झील है, जो चारों ओर से हरे भरे पहाड़ों के बीच एक ऊबड़ खाबड़ स्थान है।
यह राजसी धौलाधार रेंज में स्थित हिमाच्छादित झील है, जो ट्रैक के लिए एक बेहतरीन स्थान है और आपको यह सुंदर दृश्यों की यात्रा करवाता है। यहां पर हरे भरे चरागाह, विदेशी बारहमासी फूल, घने शंकु वृक्ष आपको आकर्षित करते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए करेरी झील एक पसंदीदा स्थान है, जहां आप फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं। साथ ही अपने दोस्तों के साथ या परिवार जनों के साथ कुछ समय बिता सकते हैं।
यह झील अंडाकार प्रतीत होती है और यहां तक पहुंचने के लिए जंगलों, घास के मैदानों, नदियों, और प्राकृतिक माहौल के बीच से गुजरना होता है, जो एक बेहतरीन अनुभव होता है। यह पहाड़ों के बीच मीठे पानी की झील है और हरे-भरे उपोष्ण कटिबंधीय जंगलों तथा अल्पाइन घास के मैदानों से घिरी हुई है। यह चिर और चिलगोजा, चीड़ के हरे-भरे जंगल से होते हुए 9650 फीट की ऊंचाई पर ट्रैक करने का सुखद अहसास कराती है।
Minkiani pass Mcleodganj मिंकियानी पास मैकलोडगंज
हिमाचल प्रदेश अपने उबड़ खाबड़ पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है। और इसका पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है यहां पर ट्रैक करना। मिंकियानी दर्रा ट्रैक एक ऐसी यात्रा है जो आपको रोमांच की भावना से भर देगी, और इस राज्य के प्राकृतिक उपहारों को खोजने में आपकी मदद करेगी।
मैक्लोडगंज में मिंकियानी पास ट्रैक को शुरू करने के बाद करेरी गांव से होते हुए, उबड़ खाबड़ कीचड़ से भरे और पथरीले रास्तों से गुजरते हुए 4 घंटे की पैदल यात्रा करने के बाद आप शांत करेरी झील पहुंचते हैं, जो कि इस यात्रा का एक और आकर्षण है।
समुद्र तल से करीब 10000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह झील आपके शरीर और आत्मा को तरोताजा कर देती है। इस ट्रेक के उच्चतम बिंदु, मिंकियानी दर्रे के शिखर पर पहुंचने के लिए आपको समुद्र तल से लगभग 14000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचना होता है, और यहां पहुंच कर आप हिमालय पर्वत के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
यहां पर आपके द्वारा क्लिक की गई तस्वीरें, चारों ओर से बर्फ से ढकी चोटियों के साथ खींचे गए फोटोग्राफ्स आपके लिए किसी खूबसूरत स्मृति चिन्ह से कम नहीं होंगे।
Namgyal monastery Dharamshala Mcleodganj नामग्याल मठ धर्मशाला मैकलोडगंज
नामग्याल मठ की स्थापना सोलवी शताब्दी में हुई थी। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का निवास मैक्लोडगंज में है और यही कारण है कि नामग्याल मठ को अक्सर दलाई लामा का मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि मठ का उपयोग व्यक्तिगत रूप से दलाई लामा 14 द्वारा किया जाता है।
यह क्षेत्र का सबसे बड़ा तिब्बती मंदिर है। यह स्थान शांति और आध्यात्मिक वातावरण प्रदान करता है और यह उन पर्यटकों को आकर्षित करता है जो इस धर्म के प्रति लगाव रखते हैं।
मठ को बड़े पैमाने पर बौद्ध और जैन धर्म ग्रंथों को सीखने, ध्यान और चिंतन करने के एक सम्मानित केंद्र के रूप में भी पहचाना जाता है। हालांकि नामग्याल मठ की बाहरी वास्तुकला समान्य है लेकिन जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं तो वहां दिव्य अनुभूति होती है।
जब आप मठ में होंगे तो आप समृद्ध महसूस करेंगे और जीवन के वास्तविक सार को भी जान पाएंगे। नामग्याल मठ की भीतरी दीवारों को मूर्तियों, चित्रों और भगवान बुद्ध और अन्य बौद्ध मूर्तियों के चित्रों से सजाया गया है।
नामग्याल मठ का निर्माण 1564 में ग्यालवा सोनम ज्ञात्सो द्वारा किया गया था, जो तीसरे दलाई लामा थे। मठ का नाम नामग्याल मठ रखा गया, यह नाम देवी नामग्यालमा के सम्मान में दिया गया।
नामग्याल मठ, मैक्लोडगंज धर्मशाला में है। यह शहर से बहुत अधिक दूर नहीं है यहां पहुंचने के लिए होटल से आप कैब ले सकते हैं।
Dal lake Mcleodganj डल झील मैकलोडगंज
यह झील कश्मीर की मूल डल झील की ही तरह ही आकर्षक है। यह झील प्रसिद्ध देवदार के घने वृक्षों से गरी हुई है। कश्मीर की मूल डल झील की तरह ही मैकलोडगंज की डल झील भी उतनी ही सुंदर, रमणीय और शांत है। यहां पहुंचने के लिए शहर के केंद्र से टैक्सी सेवा ले सकते हैं।
Kangra fort Mcleodganj कांगड़ा किला मैकलोडगंज
कांगड़ा किला, कांगड़ा ( कटोच ) राजवंश के शाही राजपूत परिवार द्वारा चौथी शताब्दी ईस्वी में बनाया गया था, जो महाभारत महाकाव्य में वर्णित प्राचीन त्रिगर्त साम्राज्य में इसकी उत्पत्ति की जानकारी देता है।
ऐतिहासिक कांगड़ा किला हिमाचल प्रदेश राज्य में धर्मशाला के पास कांगड़ा घाटी में स्थित है। यह राजसी किला देश के सबसे पुराने किलो में से एक है।
इसकी खूबसूरती और आकर्षण दुनियाभर के आगंतुकों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करती है तथा इसे सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक बनाती है। किले की वास्तुकला इसके प्रवेश द्वार, दरवाजे, प्रांगण और मंदिरों पर उत्कीर्ण है जो इतिहास को हमारे दिमाग में पुनर्जीवित करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। रास्ते में मौजूद मूर्तियां इसकी सुंदरता और आकर्षण को और अधिक बढ़ा देती है।
Dhauladhar range Mcleodganj धौलाधार पर्वत माला मैकलोडगंज
धौलाधार पर्वत माला ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों के बीच एक पसंदीदा स्थान है। पर्वतमाला, घनी घाटियों और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों से आच्छादित है जो ट्रैक का आनंद और रोमांच और अधिक बढ़ा देती हैं।
यहां पहुंचने के लिए शहर से ही ट्रैक शुरू कर सकते हैं।
Indrahar pass Mcleodganj इंद्रहार दर्रा हिमालय मैकलोडगंज
इंद्रहार दर्रा, समुद्र तल से 4342 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह कांगड़ा और चंबा जिलों के बीच सीमा बनाता है। इंद्रहार दर्रा के लिए ट्रैकिंग धर्मशाला के पास धर्मकोट गांव से शुरू होती है |
Masroor temple Mcleodganj मसरूर मंदिर मैकलोडगंज
मसरूर मंदिर हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे भारत के बेहतरीन रॉक कट मंदिरों में गिना जाता है। मंदिर एक अद्वितीय अखंड संरचना है और हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। यह मंदिर समुद्र तल से 2535 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसे लगभग आठवीं शताब्दी में बनाया गया था और यहां पर पन्द्रह रॉक कट मंदिर है जिन्हें इंडो आर्यन शैली में बड़े पैमाने पर तराशा और बनाया गया है।
यह मंदिर आंशिक रूप से खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं। यहां मुख्य मंदिर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता को समर्पित है। मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर में राम, लक्ष्मण और सीता की तीन पत्थर की बनी मूर्तियां रखी हुई है।
मंदिर परिसर एक पहाड़ी पर स्थित है और इसमें एक बड़ा आयताकार तालाब है जो साल भर पानी से भरा रहता है। मंदिर परिसर से आप बर्फ से ढकी धौलाधार पर्वत माला का अद्भुत और रमणीय नजारा देख सकते हैं।
परिसर के केंद्र में प्रमुख और सबसे विस्तृत नक्काशीदार मंदिर का ठाकुरद्वारा है। इसमें पूर्व की ओर मुख करके राम लक्ष्मण और सीता की काले पत्थर की मूर्तियां स्थापित है। मंदिर की नक्काशी का पूरा विषय भगवान शिव के उत्सव और राज्य अभिषेक के इर्द-गिर्द घूमता है, जो हिंदू देवताओं का केंद्र है। स्थानीय लोगों का मानना है कि पांडवों ने अपने निर्वासन की अवधि के दौरान मसरूर रॉक मंदिर का निर्माण किया था।
मसरूर रॉक मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और अक्टूबर के महीनों के बीच है। मंदिर में ठहरने का कोई विकल्प नहीं है। कांगड़ा में कई बजट और मध्यम श्रेणी के आवास के विकल्प है। मंदिर में पूरे साल कभी भी जाया जा सकता है लेकिन घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च और अक्टूबर के बीच का है।
Norbulingka institute Mcleodganj नोरबुलिंगका संस्थान मैकलोडगंज
अपने पारंपरिक डिजाइनो और खूबसूरत बगीचों के साथ बेहतरीन तिब्बती वास्तुकला नोरबूलिंगका संस्थान को मैकडोलगंज में देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक बनाती है। यहां की सुंदरता देखने लायक है जो आपको अवाक कर देगी ।
यह स्थान पालमपुर में धर्मशाला रोड पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए धर्मशाला बस स्टैंड से आप पालमपुर के लिए बस ले सकते हैं। फिर यहां सीधीपुर में उतरे और ऊपर की ओर चले क्योंकि संस्थान स्टाप से 1 या 2 मिनट की दूरी पर है।
Maharana Pratap Sagar Lake Mcleodganj महाराणा प्रताप सागर झील मैकलोडगंज
महाराणा प्रताप सागर झील वास्तव में एक कृत्रिम रूप से निर्मित जलाशय है और मैक्लोडगंज में घूमने के लिए बेहतरीन स्थानों में से एक है। यहां पर पर्यटक मछली पकड़ने और नौका विहार के साथ खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों आनन्द भी लेते हैं।
यह कांगड़ा जिले में स्थित है। झील शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए कैब की सुविधा उपलब्ध है।
map Mcleodganj
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