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Jibhi Himachal Pradesh । खूबसूरत नजारों और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थल जीभी हिमाचल प्रदेश

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Jibhi Himachal Pradesh । जीभी हिमाचल प्रदेश

 

( Jibhi Himachal Pradesh ) पूरी दुनिया में इंसान के द्वारा बनाई हुई खूबसूरत से खूबसूरत वस्तु, बेहतरीन डिजाइन की गई बिल्डिंग और आर्किटेक्ट के बेहतरीन नमूने भी इस प्रकृति के अनमोल लोचन-सुखदायक नजारों के सामने फीके नजर आते हैं। प्रकृति के द्वारा बनाई गई इस अनुपम सुंदरता और रमणीय दृश्य मन को एक सुखद अनुभव प्रदान करते हैं। Jibhi Himachal Pradesh के इस क्षेत्र में खूबसूरत पहाड़, घने और बड़े बड़े वृक्ष तथा जंगल, पहाड़ों से गिरते झरने, चेहरे को छूती ठंडी हवाएं, पानी की बहती धारा और उससे आती कल कल की ध्वनि, पक्षियों के चहचहाने की आवाजें, यह सारे प्राकृतिक परिदृश्य देखने को मिलेंगे| यह सब इतना खूबसूरत और मनमोहक है की आप एक वक्त के लिए खुद को, अपने आसपास की तमाम चिंताओं और व्याकुलताओं को भूल जाते हैं, और खो जाते हैं प्रकृति के बेहतरीन नजारों के बीच। तो आइए चलते हैं Jibhi Himachal Pradesh के एक  खूबसूरत सफर पर।

 

Jibhi waterfall जीभी झरने

 

Jibhi waterfall जंगल के बीच में स्थित है और यह झरना काफी ऊंचाई से मानव निर्मित सीमेंट फुल में गिरता है यहां पर आप अपने दोस्तों के साथ एंजॉय कर सकते हैं खूबसूरत तस्वीरें खींच सकते हैं और अपनी यादें बना सकते हैं यह मुख्य जी भी चौक से 30 मिनट की पैदल दूरी पर स्थित है यहां पर एक छोटा लकड़ी का पूल भी है जो पहाड़ों से निकलने वाली जलधारा की दो किनारों को जोड़ता है यह स्थान बैठने, आराम करने और मनमोहक दृश्य को निहारने के लिए बेहतरीन है।

Chehni koti चहनी कोठी

 

यह कोठी पत्थर और लकड़ी से बनी हुई है और इस कोठी का नाम चेहनी गांव के नाम पर पड़ा है। यह तीर्थन घाटी के पास ही जीभी घाटी में स्थित है। यहां पर किसी प्रकार की कोई सड़क मौजूद नहीं है, इसीलिए आपको इस क्षेत्र में पैदल ही चलना होगा तथा यहां पहुंचने में लगभग 1 घंटे का समय लग सकता है। आप या तो श्रृंग ऋषि द्वार से या फिर ग्रामीण बिहार से पैदल चलकर यहां पहुंच सकते हैं। हालांकि यहां पर एक कच्ची सड़क है जहां पैदल लगभग 1 किलोमीटर वुडलैंड ट्रेल्स का उपयोग करते हुए पहुंच सकते हैं। चहनी कोठी एक बेहद ही मनमोहक और आकर्षक स्थान है। यहां पर चारों ओर हरे भरे जंगल है, जो पर्यटकों के लिए एक खूबसूरत नजारा पेश करते हैं।

Shringa rishi temple शृंग ऋषि मंदिर

 

यह मंदिर पर्यटन के लिए एक बेहतरीन स्थान है और सबसे प्रसिद्ध जिभी पर्यटन स्थलों में से एक है। लोग यहां आध्यात्मिक विचारधारा के साथ आते हैं यहां पर प्रार्थना करते हैं और बेहतर भविष्य के लिए आशीर्वाद लेते हैं यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता का एक अनुपम उदाहरण है। यह मंदिर प्राकृतिक हरियाली और खूबसूरत फूलों से घिरा हुआ है जो कि इस मंदिर के दृश्य को और भी मनमोहक और मंत्र मुग्ध बना देता है। मंदिर काफी ऊंचाई पर बना हुआ है यहां से खूबसूरत प्राकृतिक नजारे देखे जा सकते हैं।

 यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पवित्र धार्मिक स्थल है स्थानीय लोग इस मंदिर के देवताओं की पूजा करते हैं और इसे बहुत ही पवित्र मानते हैं।

शृंग ऋषि इस स्थान के 18 प्रमुखों में से एक हैं और यह पवित्र स्थान श्रृंगी ऋषि को समर्पित है श्रंग ऋषि रामायण काल के एक अविश्वसनीय और प्रमुख व्यक्ति थे और उनके पिता विभांडक ऋषि थे।

Sheshnag temple शेषनाग मंदिर

 

शेषनाग मंदिर जिभी शहर से बहुत ही कम दूरी पर स्थित है और श्रृंग ऋषि मंदिर की तुलना में यह मंदिर काफी छोटा है यह मंदिर घने जंगल में हरे-भरे घास के मैदानों के बीच स्थित है। यह एक खूबसूरत स्थान है जिसे देखा जा सकता है।

Jalori pass जालोरी पास

 

जालोरी दर्रा 10236 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। और यह एक बेहतरीन हिमालय ट्रैक है। यह दर्रा मार्च के अंत और अप्रैल की शुरुआत में खुलता है, और सितंबर तक यह उपलब्ध रहता है। उसके बाद बर्फबारी पूरी तरह से इस क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेती है और यहां पर चलना या घूमना सुरक्षित नहीं रहता है। 

जीभी या शोजा से निजी कैब के जरिए जालोरी दर्रा तक पहुंचा जा सकता है। दर्रे तक पहुंचने में लगभग 1 घंटे से भी कम समय लगता है। यहां की सड़क काफी खतरनाक है, और इसमें कई खतरनाक मोड़ हैं। यहां पर पास ही जालोरी माता का एक मंदिर है। वहां भोजन और जलपान के लिए कुछ दुकानें भी उपलब्ध है। यह क्षेत्र बसंत ऋतु में बेहद हरा भरा रहता है लेकिन सर्दियों में यहां काफी बर्फ जमा हो जाती है। इस जगह का परिवेश मंत्रमुग्ध कर देने वाला है, जो इसे अवश्य ही देखने लायक बनाता है।

Serolsar lake सेरोलसर झील

 

सेरोलसर झील, जिसे शेरोयूल या सिरोलसर भी कहा जाता है। यह जालोरी दर्रे से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झील 10171 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसका ट्रेक जालोरी दर्रे से शुरू होता है। यहां पर केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है। झील के किनारे तक पहुंचने में लगभग 2 से 3 घंटे लगते हैं। झील का जो रास्ता है वह बेहद रोमांचक और दर्शनीय है तथा प्राकृतिक अजूबों से भरा हुआ है। इस रास्ते में दोनों तरफ हरे भरे पेड़ों से आच्छादित पहाड़, फूल, घास के मैदान आदि मनमोहक नजारे देखने को मिल जाएंगे, जो किसी रोमांचक फिल्म के दृश्य के समान नजर आते हैं। 

इस झील को पवित्र और रहस्यमय झील के तौर पर जाना जाता है, और स्थानीय लोगों का दावा है कि इसके पानी में औषधीय गुण हैं। यहां आस-पास पिकनिक मनाने के लिए बहुत सारे स्थान हैं जो हमें खूबसूरत परिदृश्य और लुभावने प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन कराते हैं।

Budhi nagin temple बूढ़ी नागिन मंदिर

 

बूढ़ी नागिन मंदिर एक छोटा और प्राचीन मंदिर है जो कि उत्तर की ओर सेरोल्सर झील के पास स्थित है। यह मंदिर देवी बूढ़ी नागिन को समर्पित है, जिन्हें शेषनाग, महूनाग कमरूनाग, आदि सभी नाग देवताओं की माता माना जाता है। और इन्हें सांपों की देवी भी माना जाता है। स्थानीय लोगों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र मंदिर है। यहां दर्शनार्थ आप आ सकते हैं।

Raghupur fort रघुपुर किला

 

जालोरी दर्रे से एक रास्ता सेरोल्सर झील की तरफ जाता है, वही दूसरा रास्ता 4 किलोमीटर दूर रघुपुर किले के प्राचीन खंडहरों की ओर जाता है। कुल्लू के राजा रघुपुर के शासनकाल के दौरान इस किले का निर्माण रक्षात्मक संरचना के रूप में किया गया था लेकिन अब यह किला खंडहरों से ज्यादा कुछ भी नहीं है। लेकिन इस किले के आसपास हरी-भरी जीभी घाटी और उस तक पहुंचने का जो रास्ता है वह इसे एक बेहतर स्थान और इस यात्रा को रोमांचक बनाता है।

 

jibhi map

 

 

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