Jantar mantar Jaipur Rajasthan जंतर मंतर जयपुर राजस्थान
(Jantar mantar Jaipur)जंतर मंतर, यह शब्द संस्कृत के शब्दों ” यंत्र और मंत्र ” से मिलकर बना है और इन शब्दों का अर्थ होता है ” गणना करने वाला यंत्र”।
जंतर मंतर (Jantar mantar Jaipur) खगोलीय घटनाओं की गणना करने के लिए बनाया गया एक स्मारक है, जिसके माध्यम से समय, ब्रह्मांड, ग्रहों, नक्षत्रों, ज्योतिष विद्या, आदी का तत्कालीन समय में अनुमान लगाया जाता था।
जंतर मंतर का निर्माण जयपुर शहर में, जयपुर के संस्थापक राजपूत राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था और यह स्मारक 1734 में बनकर लगभग तैयार हो चुका था।
जंतर मंतर में दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर से बनी धूप घड़ी है।
जंतर मंतर के पास में ही सिटी पैलेस और हवा महल जैसे पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं।
यह यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है।
जंतर मंतर में 19 खगोलीय उपकरणों का संग्रह है।
सवाई जयसिंह द्वितीय ने पांच वेधशालाओ का निर्माण अलग-अलग शहरों में करवाया था, इनमें से एक जयपुर में स्थित जंतर मंतर (Jantar mantar Jaipur) है।
ये पांच शहर जहां इन वैधशालाओ का निर्माण करवाया गया था वे हैं – दिल्ली, मथुरा,
जयपुर, वाराणसी और उज्जैन। और इनमें सबसे बड़ी वेधशाला जयपुर में स्थित जंतर मंतर है।
जंतर मंतर (Jantar mantar Jaipur) में स्थित विभिन्न यंत्र
सम्राट यंत्र
जंतर मंतर में दो सम्राट यंत्र बने हैं एक लघु सम्राट यंत्र और एक वृहत सम्राट यंत्र । यह दोनों ही यंत्र समय की जानकारी के लिए बनाए गए थे।
ध्रुव दर्शक पट्टीका
इस यंत्र के माध्यम से ध्रुव तारे को देखने का और उसकी स्थिति की जानकारी प्राप्त करने का कार्य किया जाता था।
जयप्रकाश यंत्र
इस यंत्र में संगमरमर के पत्थरों को लगाया गया है। यह गोलाकार आकृति में बना हुआ एक यंत्र है। और बीच में संगमरमर की कटी हुई पट्टीयां लगाई गई है और प्रत्येक कटी हुई पट्टी 1 घंटे को दर्शाती है।
कपाली यंत्र
यह यंत्र भी जयप्रकाश यंत्र के समान ही है।
नाड़ी वलय यंत्र
तत्कालीन समय में खगोलीय घटनाओं के साथ-साथ प्राकृतिक घटनाएं, मौसम, समय, घंटा, मिनट, सेकंड, ऋतु आदि जानकारी के लिए इस यंत्र का उपयोग किया जाता था।
राज यंत्र
यह अष्ट धातु से बनी एक विशाल गोलाकार थाली या प्लेट जैसी दिखने वाली चकती है, जिसे राज यंत्र नाम दिया गया है।
राशि वलय यंत्र
इस यंत्र के माध्यम से अक्षांश और देशांतर रेखाओं को मापा जाता था।
इसमें उपस्थित यंत्र विभिन्न राशियों को प्रदर्शित करते हैं, इसीलिए इस यंत्र को राशि वलय यंत्र कहा गया है।
राशि वलय यंत्र सिर्फ जयपुर वेधशाला में ही बना हुआ है। अन्य वेधशालाओ में इस यंत्र को नहीं बनाया गया।
राम यंत्र
राम यंत्र का उपयोग खगोल पिंड की ऊंचाई मापने और स्थानीय निर्देशाकों को मापने के लिए किया जाता है।
षष्ठांश यंत्र
यह यंत्र वृहत सम्राट यंत्र के पास ही स्थित है। इस यंत्र के माध्यम से सूर्य से पृथ्वी की दूरी को मापा जाता है।
चक्र यंत्र
चक्र यंत्र धातु से बना एक विशाल गोलाकार चक्र है जिसका इस्तेमाल भी किसी प्रकार की खगोलीय जानकारी के लिए किया जाता है।
Jantar mantar map
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