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ghat ke balaji jaipur rajasthan घाट के बालाजी जयपुर राजस्थान

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ghat ke balaji jaipur rajasthan घाट के बालाजी जयपुर राजस्थान

 

घाट के बालाजी (ghat ke balaji jaipur) का मंदिर अरावली पहाड़ियों के बीच, गलता घाटी के पास खूबसूरत स्थान पर मौजूद है। यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है और चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा यह दृश्य मन को स्वत: ही अपनी और आकर्षित करता है।

 

इस मंदिर(ghat ke balaji jaipur) में जो भी व्यक्ति अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है, ऐसी यहां की मान्यता है। यही वजह है कि यहां भारी संख्या में दर्शनार्थी निरंतर आते रहते हैं और श्री बालाजी महाराज का आशीर्वाद लेते हैं।

Ghat ke Balaji temple Jaipur

लोग दूर-दूर से बालाजी महाराज के दर्शन करने और विभिन्न मनोकामनाएं लेकर यहां आते हैं। और जब उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है तो वे यहां पर सवामणी का भी आयोजन करते हैं, जिसमें चूरमे का भोग श्री बालाजी महाराज को लगाया जाता है जो यहां पर प्रमुख रूप सGhat ke Balaji Jaipur

घाट के बालाजी का मंदिर जयपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह भव्य मंदिर गलता तीर्थ से कुछ ही दूरी पर है। इस मंदिर के पास ही ऐतिहासिक सिसोदिया रानी का बाग स्थित है।

 जयपुर को बसाने वाले महाराजा जय सिंह का मुंडन संस्कार भी इसी प्राचीन मंदिर(ghat ke balaji jaipur) में हुआ था।

घाट के बालाजी जयपुर के राजाओं के कुल देवता के रूप में पूजे जाते रहे हैं।

Ghat ke Balaji Jaipur

इस भव्य मंदिर में अधिकांश जयपुर वासियों के जात-जडूले और मुंडन संस्कार होते हैं तथा इन्हें अपने कुल देवता के रूप में पूजते हैं। मंदिर में बालाजी महाराज दक्षिण मुखी है जो दोपहर के समय साक्षात रूप में दर्शन देते हैं। यह मंदिर समस्त जयपुर वासियों के लिए प्रमुख आस्था का केंद्र रहा है।

यहां निरंतर जागती जोत के रूप में बालाजी महाराज विराजमान रहते हैं।

 

इस मंदिर(ghat ke balaji jaipur) में पहली बार 1965 में पौष माह में पौष बड़ा प्रसादी का आयोजन हुआ था, जो बाद में चलकर लख्खी पौष बड़ा महोत्सव के रूप में जाने जाने लगा और धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे शहर में अपनाई जाने लगी। जिसकी वजह से आज शहर के हर मंदिर में पौष बड़ा प्रसादी का आयोजन होने लगा है। अन्नकूट महोत्सव के साथ रूप चौदस को मंदिर में विशेष आयोजन होता है और इस दिन हनुमान जी महाराज का जन्मदिन भी मनाया जाता है।

Ghat ke Balaji Jaipur

मंदिर के गर्भ ग्रह के दाहिने हाथ पर कुछ ऊंचाई पर शिवजी और पंच गणेश जी भी विराजमान है। 

इस मंदिर में बालाजी महाराज की एक स्वयंभू प्रतिमा विराजमान है, यानी यहां बालाजी महाराज स्वयं प्रकट हुए थे और इसी वजह से इन्हें जयपुर का कुल देवता माना जाता है।

 

(ghat ke balaji jaipur) map

 

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