Dalhousie Himachal Pradesh डलहौजी हिमाचल प्रदेश
(Dalhousie)डलहौजी एक खूबसूरत जगह है, एक शानदार हिल स्टेशन है, एक ऐसा स्थान है जो लगता है कि जैसे जन्नत का कोई खूबसूरत बगीचा हो। (Dalhousie)डलहौजी एक शांत हिल स्टेशन है। यहां पर फास्ट लाइफ या नाइट लाइफ नहीं है। यह जगह उन लोगों के लिए है जो शांति की तलाश में है। जो अपने तनाव को कम करना चाहते हैं। और एक ऐसी जगह ढूंढ रहे हैं जो उन्हें भीड़भाड़ से दूर ले जा सके। यहां पर अधिकतर वे लोग आते हैं जो लंबी सेर, पिकनिक या हनीमून मनाने के लिए या ट्रैकिंग का आनंद लेने के लिए अपने शहर से बाहर निकले हैं। एक बहुत ही खूबसूरत दुनिया, जहां आप सभी तरह के तनावो से मुक्त हो जाते हैं। तो चलते हैं (Dalhousie)डलहौजी के खूबसूरत सफर पर।
Dalhousie Chamba Himachal Pradesh डलहौजी चंबा हिमाचल प्रदेश
(Dalhousie)डलहौजी, हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले का एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन है।
यह पांच पहाड़ियों पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1970 मीटर यानी 6460 फीट है।
डलहौजी टाउन का नाम द अर्ल ऑफ डलहौजी के नाम पर रखा गया था, जो भारत में ब्रिटिश गवर्नर जनरल थे।
इस जगह को ग्रीष्मकालीन रिट्रीट के रूप में स्थापित किया गया था।
यहां पर गर्मियों में और शुरुआती वसंत में मानसूनी प्रभाव के कारण मूसलाधार बारिश होती है और यहां औसत रात का तापमान लगभग 4 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम 11 डिग्री सेल्सियस के करीब रहता है।
यहां पर बर्फबारी काफी आम बात है जो कस्बे में कड़ाके की ठंड को और अधिक बढ़ा देती है।
इस शहर की स्थापना लॉर्ड डलहौजी ने 1854 में की थी। अंग्रेजों ने चंबा राज्य के शासक से पांच पहाड़ियों का अधिग्रहण किया था। यह थी Kathalagh, patreyn, Terah, bakrota and bhangora।
आधुनिक शहर इन पांच पहाड़ियों के बीच में स्थित है जो बर्फ से ढके हुए और प्राचीन पहाड़ों की pir panjal श्रंखला में स्थित है और देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है।
Places to visit in Dalhousie डलहौजी में घूमने के स्थान
Panchpula Dalhousie पंचपुला डलहौजी
पंचपुला, डलहौजी एक बेहद रमणीय स्थान है। सुबह 9:00 बजे से शाम तक 7:00 बजे तक इस स्थान का आनंद उठा सकते हैं।
शहर की भागदौड़ और जीवन की हलचल से दूर एक रमणीय स्थान है। यहां आप किसी भी मौसम में आ सकते हैं। यह हर मौसम में आपको खूबसूरत ही नजर आएगा।
यहां घूमने के लिए आप एक स्थानीय गाइड को किराए पर ले सकते हैं।
यहां आप किसी भी प्रकार की शारीरिक स्वास्थ्य संबंधित परेशानी से बचने के लिए एक प्राथमिक चिकित्सा किट अपने साथ रख सकते हैं।
पंचकूला वॉटरफॉल्स के पास आप पिकनिक प्लान कर सकते हैं। सतधारा स्प्रिंग्स में आप एक बेहतर क्वालटी टाइम बिता सकते हैं। ट्रैकिंग ट्रेल्स के लिए भी पंचकूला एक बेहतरीन जगह है। आपको हरे-भरे ट्रैकिंग प्लेस मिल जाएंगे।यहां आप खूबसूरत झरनो का आनंद ले सकते हैं।
यहां आप चक्की बैंक रेलवे स्टेशन से रेल के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह रेलवे स्टेशन से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा आप स्थानीय परिवहन का भी लाभ उठा सकते हैं और निजी टैक्सी की भी व्यवस्था कर सकते हैं।
पंचपुला डलहौजी मैं जो आसपास देखने की लिए प्रमुख आकर्षण हैं – सेंट पैट्रिक चर्च, सच पास, सतधारा स्प्रिंग्स, चमेरा झील, गरम सदा, रंग महल, सेंट फ्रांसिस का चर्च, और दैनकुंड चोटी।
पंचकूला डलहौजी मैं जो आस-पास रेस्टोरेंट है वह हैं – एक्वा ब्लू, लम्हे, अनुपम स्वीट्स, तवा रेस्टोरेंट, puzzles, पिज्जा हट, chokni Dhani, मसाला ग्रिल, बीबीक्यू पैराडाइज।
यह खूबसूरत रमणीय स्थान आपको अवश्य ही आश्चर्यचकित करेगा। घनी हरियाली और गिरते हुए झरने आपको एक अद्भुत आनंद का एहसास कराएंगे। इस खूबसूरत और अद्भुत स्थान पर आप अवश्य ही घूमने जाना पसंद करेंगे।
Khajjiar Himachal Pradesh खजियार हिमाचल प्रदेश
खजियार को मिनी स्वीटजरलैंड भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर विस्तृत घास के मैदान और देवदार के घने जंगल हैं, और यहां पर बने कॉटेज इस इलाके को स्वीटजरलैंड की तरह खूबसूरत बनाते हैं।
खजियार चंबा जिले में स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है और हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है।
इस विचित्र और स्वप्निल जगह पर आपको एक बार अवश्य यात्रा करनी चाहिए। यहां पर आप ट्रेक कर सकते हैं। खुलकर, बांहें फैलाकर गहरी सांस लेकर इस स्थान पर प्रकृति की खुशबू को महसूस कर सकते हैं। अधिकांश लोग इस खूबसूरत परिदृश्य से आकर्षित होते हैं तथा प्रकृति द्वारा बनाए गए इस अद्भुत स्थान को देखने के लिए यहां आते हैं।
Khajjiar में एक सुंदर झील है, जिसे खजियार झील के नाम से जाना जाता है। यह घने देवदार के जंगलों से घिरे घास के मैदानों के बीच स्थित है। यह इस क्षेत्र की खूबसूरती को और अधिक बढ़ाती है।
झील पर समय बिताने के अन्य तरीके घुड़सवारी और जॉर्बिंग है।
इस झील से आप कैलाश पर्वत के खूबसूरत और शानदार दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं यदि आपको ट्रेकिंग करना पसंद है तो आपके पास कलाटॉप वन्यजीव अभयारण्य एक बेहतरीन विकल्प है। यहां घने शंकुधारी जंगलों के बीच आपको ट्रैकिंग करना रोमांच से भर देगा।
यहां बहुत से वन्यजीव आकर्षण का केंद्र है जैसे हिमालयन ब्लैक मार्टन, बार्किंग गोरल, तेंदुआ, सियार, लंगूर और भालू।
खजियार में खज्जी नाग मंदिर भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यह धार्मिक स्थान के साथ-साथ एक ऐतिहासिक स्थान भी है, क्योंकि यह 12 वीं शताब्दी का बना हुआ है और झील के तट पर स्थित यह स्थान नागों के देवता को समर्पित है। इसकी वास्तुकला हिंदू धर्म और मुस्लिम शैलियों का मिला जुला रूप है। यहां भगवान शिव देवी, हडिंबा और पांडवों तथा कौरवों के चित्र अंकित है।
Kalatop wildlife sanctuary khajjiar कालाटॉप वाइल्डलाइफ सेंचुरी खजियार
यह अभयारण्य चंबा जिले मैं स्थित है और यह 30.69 किलोमीटर में फैला हुआ है। अभयारण्य क्षेत्र कालाटॉप और खजियार दोनों में ट्रेकिंग टेल्स के लिए अच्छी तरह से तैयार किया गया है। यहां घने देवदार के जंगल चारों ओर फैले हुए हैं।
यहां पर तीतर, सीरो और काला भालू सामान्य रूप से पाए जाने वाले जानवर है। यह अभयारण्य रावी नदी के रास्ते में स्थित है और शंकुधारी तथा ओक के जंगलों से घिरा हुआ है।
यहां अन्य जानवरों में भालू, हिमालयन ब्लैक मार्टन, तेंदुआ, हिरण, बार्किंग गोरल, गिलहरी, सीरो, सियार, लंगूर, आदी जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा कुछ दुर्लभ पक्षी भी यहां पाए जाते हैं, जैसे यूरेशियन जे, वाइटविंग ब्लैक बर्ड, ब्लैक हेडेड जे, चेस्टनट बिल्ड रॉक थ्रश, ब्लैकहेड जे, ग्रे हेडेड कैनरी फ्लाईकैचर।
Satdhara falls Dalhousie सतधारा जलप्रपात डलहौजी
सत धारा जलप्रपात हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में स्थित है। यह चंबा घाटी के खूबसूरत नजारों से घिरा हुआ है। यहां पर बर्फ से ढकी पर्वतमालाएं और हरे भर देवदार के वृक्ष इस खूबसूरत स्थान को और भी रमणीय और आकर्षक बना देते हैं।
सतधारा का मतलब होता है, सात झरने। यह जलप्रपात सात खूबसूरत झरनों के पानी को एक साथ लाता है।
कहा जाता है कि यहां के पानी में अभ्रक होता है जिसमें त्वचा रोगों को ठीक करने के औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ पल सकून और शांति से बिताने के लिए यह एक बेहतर स्थान है।
यहां पर ठंडा और साफ पानी आपकी आंखों में ठंडक पहुंचाता है। चट्टानों से टकराती पानी की बूंदे जब आपके चेहरे पर गिरती है तो एक सुखद अहसास होता है।
खूबसूरत फूलों की सुगंध आपके मन मस्तिष्क को आनंद से भर देती है। यह घूमने के लिए एक बेहतर स्थान है।
Chamera lake Dalhousie चमेरा झील डलहौजी
चमेरा झील, हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में चंबा जिले में स्थित है।
यह झील मुख्य हिल स्टेशन से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 763 मीटर है।
इसके पास ही चमेरा बांध बना हुआ है तथा यहां से रावी नदी बहती है। चमेरा एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है और प्रमुख आकर्षण है।
यहां पर आने वाले पर्यटक यहां नौका विहार कर सकते हैं, स्पीड बोट, fishing, फोटोग्राफी और इसके अलावा यहां कई दर्शनीय स्थल है जहां पर वे घूम सकते हैं।
झील के आसपास खाने पीने के कई स्टॉल लगे हैं तो खाने पीने की यहां कोई समस्या नहीं रहेगी।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा यहां पर मोटर बोटिंग और रिवर राफ्टिंग जैसे खेलों की अनुमति प्रदान की गई है। इससे आप मोटरबोटिंग और रिवर राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं।
इसके अलावा झील के आसपास के खूबसूरत नजारों के साथ फोटोग्राफी कर, अपनी खूबसूरत यादें बना सकते हैं। और पिकनिक के लिए यह एक बेहतरीन स्थान है।
चमेरा झील डलहौजी से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। और चंबा से यह लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इन दोनों जगहों से टैक्सी या निजी वाहन से यात्रा कर सकते हैं।
Ganji Pahari Dalhousie गंजी पहाड़ी डलहौजी
गंजी पहाड़ी जिसे बाल्ड वैली भी कहते हैं, डलहौजी में एक खूबसूरत और आकर्षक स्थान है जो Hikers के लिए पसंदीदा है।
यहां वनस्पति नहीं होने के कारण और अधिक मैदानी क्षेत्र होने के कारण इसे गंजी पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। यह चारों ओर से बर्फीली पहाड़ियों से घिरा हुआ स्थान है।
पहाड़ी पर किसी प्रकार की कोई दुकान या रेस्त्रां उपलब्ध नहीं है। इसलिए भोजन और पानी अपने साथ लेकर यहां जाएं।
गंजी पहाड़ी तक ट्रैकिंग की शुरुआत डलहौजी से की जा सकती है जो लगभग 5 किलोमीटर की है। या फिर पंचपूला से भी इस पहाड़ी तक पैदल यात्रा की जा सकती है, जो एक किलोमीटर से अधिक दूरी की है।
गंजी पहाड़ी बकरोटा हिल्स में स्थित है जो घूमने के लिए और पिकनिक के लिए एक बेहतरीन स्थान है।
यह मैदानी भाग है, जहां किसी प्रकार की कोई वनस्पति नहीं है। घाटी से शिखर पर पहुंचने पर एक बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, जहां आप सेल्फी ले सकते हैं। खूबसूरत फोटोग्राफ्स क्लिक कर सकते हैं और तेज और ठंडी हवा को महसूस कर सकते है तथा इस खूबसूरत क्षण का आनंद ले सकते हैं।
Dainkund peak Dalhousie दैनकुंड चोटी डलहौजी
दैनकुंड चोटी, डलहौजी क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है और साथ ही यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। इस स्थान को गायन शिखर भी कहा जाता है।
इस चोटी की ऊंचाई लगभग 2750 मीटर से भी अधिक है और यहां से पूरे डलहौजी का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है।
दैनकुंड चोटी नाम का अर्थ है चुड़ैलों का शहर। यहां ऐसा माना जाता था कि पहले इस चोटी पर जादू टोना अधिक किया जाता था, इसलिए इस चोटी का नाम देनकुंड पड़ गया। यह चोटी समुद्र तल से लगभग 2755 मीटर की ऊंचाई पर है।
St. John’s Church Dalhousie जॉन्स चर्च डलहौजी
St. John’s Church , हिमाचल प्रदेश, डलहौजी में मोती टीबा, गांधी चौक पर स्थित है।
यह सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम को 7:00 बजे तक, सभी दिन खुला रहता है। यहां किसी भी मौसम में आया जा सकता है।
यह चर्च सुंदरता और इतिहास का एक खूबसूरत मिश्रण है।
घने देवदार के वृक्षों और घाटियों के बीच स्थित यह चर्च डलहौजी में मुख्य आकर्षणों में से एक है।
इस चर्च का निर्माण 1863 में किया गया था।
चर्च के अंदर सेंट जॉन और सेंट पीटर के कांच के बने चित्र हैं। चर्च के भीतर एक पुस्तकालय भी है। इसमें दुर्लभ किताबों और फोटोग्राफी का संग्रह है। सभी किताबें और तस्वीरें, डलहौजी के इतिहास और संस्कृति को दर्शाती है।
यदि आप डलहौजी की यात्रा पर हैं, तो आपको सेंट जॉन्स चर्च अवश्य आना चाहिए।
यहां आपको प्रकृति के खूबसूरत नजारों के साथ एक शांत और आध्यात्मिक माहौल देखने को मिलेगा।
Subhash baoli Dalhousie सुभाष बावली डलहौजी
सुभाष बावली हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है।
यह खूबसूरत स्थान डलहौजी में 6678 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और बर्फ से ढके पहाड़ों का खूबसूरत नजारा पेश करता है।
सुभाष चंद्र बोस के नाम पर सुभाष बावली का नाम रखा गया है। माना जाता है कि सुभाष चंद्र बोस डलहौजी की यात्रा करते थे तो वह इस स्थान पर आते थे।
सुभाष बावली डलहौजी शहर से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Sach pass Dalhousie सच पास डलहौजी
सच दर्रा एक पहाड़ी दर्रा है जो 4500 मीटर की ऊंचाई पर पीर पंजाल पर्वत श्रंखला पर स्थित है और यह दर्रा डलहौजी को चंबा और पांगी घाटियों से जोड़ता है।
सच पास बाईकर्स और ड्राइव का रोमांच लेने वालों के लिए एक बेहतरीन जगह है, जहां वह घाटियों के बीच से एक लंबी ड्राइव का आनंद ले सकते हैं।
सर्दियों में इस स्थान पर भारी बर्फबारी होती है, जिससे
यहां रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। इसलिए हर दिन मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य होता है।
प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से यह एक लुभावना और मनोरम स्थान है। जहां पर खूबसूरत घाटियां, पर्वत की चोटियां और चारों और पसरी हुई बर्फ, रोमांच से भर देती है।
Rock garden Dalhousie रॉक गार्डन डलहौजी
रॉक गार्डन एक बेहद खूबसूरत बगीचा है। और साथ ही एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल भी है।
डलहौजी के इस पार्क में आराम किया जा सकता है। यहां की मनमोहक खूबसूरती को निहार सकते है। काफी अच्छे फोटोग्राफ्स यहां क्लिक किए जा सकते हैं। यह बहुत ही दर्शनीय और प्राकृतिक पहाड़ी किनारे की सुंदरता से भरपूर है।
जब हम इसके पास जाते हैं तो यह बहुत ही सामान्य और कृत्रिम नजर आता है, लेकिन फिर भी इसकी खूबसूरती आप को आकर्षित करती हैं।
यहां कई ऐसी जगह है जहां पर बैठकर आप बहते हुए पानी का आनंद ले सकते हैं। दूर ऊंचे ऊंचे पहाड़ों को निहार सकते हैं। यहां यहां काफी अच्छे और स्वादिष्ट खाने के रेस्तरां भी हैं।
Bakrota hills Dalhousie बकरोटा हिल्स डलहौजी
बकरोटा हिल्स डलहौजी के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। यह बर्फ से ढके पहाड़ों और खूबसूरत दृश्यों के बीच स्थित एक आकर्षक पहाड़ी है।
बकरोटा हिल्स डलहौजी से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2085 मीटर है।
बकरोटा हिल्स डलहौजी में सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित है। इसीलिए इसे “अपर बकरोटा डलहौजी” भी कहा जाता है इसे “बकरोटा वॉक” रूप में भी जाना जाता है
बकरोटा हिल्स का पूरा क्षेत्र सर्दियों के दौरान बर्फ से ढका रहता है।
बकरोटा पहाड़ी तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है, क्योंकि यह डलहौजी के बहुत नजदीक है। लेकिन फिर भी लोग ट्रैकिंग करना पसंद करते हैं क्योंकि यह बहुत ही रोमांचक और खूबसूरत नजारों से भरपूर है।
Garam sadak Dalhousie गरम सड़क डलहौजी
गरम सड़क डलहौजी का बहुत ही खूबसूरत स्थान है और सीधी धूप पड़ने के कारण दिन के समय यह स्थान गर्म रहता है।
गरम सड़क, स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह घने पेड़ों से घिरा स्थान है जो बेहद
खूबसूरत और रमणीय नजर आता है।
यह सड़क डलहौजी के दो सबसे लोकप्रिय स्थान या चौक, गांधी चौक और सुभाष चौक को जोड़ती है।
रात के समय इस सड़क की सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है।
Chamunda Devi temple Dalhousie चामुंडा देवी मंदिर डलहौजी
चामुंडा देवी मंदिर बानेर नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर लगभग 750 साल पुराना है। चामुंडा देवी मंदिर देवी काली को समर्पित है जो देवी दुर्गा का ही एक रूप है।
यह मंदिर घने और ऊंचे देवदार के वृक्षों और पहाड़ों से घिरा हुआ है, जहां काफी संख्या में पर्यटक इसे देखने और माता के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां देवी अंबिका ने दो राक्षसों मुंडा और चंदा के साथ युद्ध किया था और उन्हें मार गिराया था।
मंदिर में एक शिलाखंड भी है जो एक पत्थर के लिंग के रूप में भगवान शिव को दर्शाता है। मां चामुंडा का यह प्रसिद्ध मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है, और डलहौजी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।
मंदिर की वास्तुकला के बारे में कुछ खास नहीं है लेकिन फिर भी यहां पहुंचने पर आप एक आध्यात्मिक शांति का अहसास करेंगे जो आपके मन मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा से भर देगी।
भगवान भैरव और भगवान हनुमान जी की भी मूर्तियां मुख्य मंदिर में रखी गई हैं।
Saint Francis church Dalhousie सेंट फ्रांसिस चर्च डलहौजी
सेंट फ्रांसिस चर्च डलहौजी में प्रमुख स्मारकों में से एक के रूप में जाना जाता है।
यह सुभाष चौक से कुछ दूरी पर मोती टीबा क्षेत्र में स्थित है।
इस चर्च का निर्माण 1894 में किया गया था। यह चर्च बहुत ही खूबसूरत स्थान पर है, जहां चारों और देवदार के वृक्ष लगे हुए हैं।
इस चर्च के आंतरिक भाग को बेल्जियम के कांच और पत्थर के कामों से सजाया गया है और बेहतरीन नक्काशी की गई है।
यह चर्च डलहौजी के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
Lakshmi Narayan Mandir Dalhousie लक्ष्मी नारायण मंदिर डलहौजी
लक्ष्मी नारायण मंदिर आर्किटेक्ट का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह मंदिर 10 वीं शताब्दी का है और भगवान विष्णु और भगवान शंकर को समर्पित है।
यह बहुत ही पुराना और बड़ा मंदिर है जो चंबा क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण शिखर शैली में साहिल वर्मन के द्वारा किया गया था।
इस मंदिर परिसर में गौरी शंकर, शिव, और राधा कृष्ण के मंदिर भी स्थित है।
मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की मूर्ति है जो संगमरमर के पत्थर से बनी हुई।
यह मंदिर सुबह 6:00 बजे खुलता है और दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे के मध्य बंद रहता है। और 8:30 बजे रात को इसे बंद कर दिया जाता है।
डलहौजी से इस मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ली जा सकती हैं।
Bhuri Singh museum Dalhousie भूरी सिंह संग्रहालय डलहौजी
भूरी सिंह संग्रहालय चंबा शहर के बीचोबीच स्थित है। इस संग्रहालय की स्थापना 1908 में चंबा राज्य में सांस्कृतिक विरासत को इकट्ठा करने और संरक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी।
उस समय चंबा राज्य के शासक राजा भूरी सिंह ने अपनी विरासत में मिले उपहार कला संग्रह को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस संग्रहालय की स्थापना के लिए डॉक्टर जे पी एच की अमूल्य सेवाएं ली।
संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुएं चंबा राज्य की कला, शिल्प और सांस्कृतिक इतिहास से संबंधित है और उस समय के जीवन और तत्कालीन समय को दर्शाती है और क्षेत्र की कला और संस्कृति को दर्शाती है।
संग्रहालय में कला, पुरातत्व, शिल्प और संस्कृति से संबंधित 8500 से अधिक वस्तुएं मौजूद है।
क्षेत्रीय संग्रहालय होने के कारण क्षेत्र की कला संस्कृति और इतिहास पर भी जोर दिया गया हैl।
इस संग्रहालय में प्रारंभ में केवल राजा भूरी सिंह के चित्र विरासत में पाए गए थे। लेकिन वर्तमान में इसमें तांबे की प्लेट, नक्काशीदार दरवाजे और पुराने महलों के लघु चित्र शामिल हैं। इसमें सिक्कों कवच आभूषणों और संगीत वाद्य यंत्रों का भी विशाल संग्रह है।
बसोहली स्कूल के चित्रों का प्रदर्शन भी है जो रामायण और भगवत गीता के दृश्यों को प्रदर्शित करता है।
Pohlani Devi temple Dalhousie पोहलानी देवी मंदिर डलहौजी
पोहलानी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के राखेड़ में स्थित है। इस मंदिर में काली माता की मूर्ति मंदिर का मुख्य आकर्षण है।
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से लगभग 8.1 किलोमीटर दूर स्थित है।
इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए और माता से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं।
ऐसा माना जाता है की यहां आने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है इसलिए भक्त अपने पुराने रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी यहां आते हैं।
देवी काली का यह मंदिर चंबा के डलहौजी से 12 किलोमीटर की दूरी पर खुबसूरत वादियों में बना हुआ है।
यहां लोगों की असीम आस्था जुड़ी हुई है और देवी मां जिस रूप में विराजमान है उसे पोहलानी देवी कहा जाता है।
नवरात्रों के दौरान यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
ऐसा ऐसा माना जाता है कि इस पहाड़ी स्थान पर राक्षसों का वास होता था, तब माता काली ने पहलवान के रूप में आकर उन राक्षसों का संहार किया था तब से इस मंदिर का नाम पोहलानी देवी पड़ा।
गर्मियों में पर्यटक यहां खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का आनंद उठाते हैं वही सर्दी के मौसम में बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा देखने को मिलता है और आसपास के क्षेत्र में बर्फ की मोटी चादर बिछ जाती है।
डलहौजी कैसे पहुंचे
रेल मार्ग
डलहौजी के लिए दिल्ली से पठानकोट के लिए रेल सेवा उपलब्ध है। यह लगभग 10 घंटे का सफर रहेगा। दिल्ली से चक्की बैंक ट्रेन सेवा भी उपलब्ध है। चक्की बैंक, पठानकोट से केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
सड़क मार्ग
दिल्ली से पठानकोट के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। और पठानकोट से डलहौजी के लिए भी लगातार बसे उपलब्ध है। यह लगभग ₹70 से ₹100 तक किराया लेती है।
पठानकोट से टैक्सी सेवाएं भी उपलब्ध है, जो 800 से 1350 तक के बीच किराया वसूल करती है।
कांगड़ा, धर्मशाला, खजियार और चंबा के लिए स्थानीय बसे भी है। जैसे कांगड़ा से डलहौजी के लिए स्थानीय बस लगभग ₹150 प्रति व्यक्ति के हिसाब से किराया लेती है।
हवाई मार्ग
पठानकोट हवाई अड्डा – यह 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दिल्ली से पठानकोट और वापस जाने के लिए उड़ाने उपलब्ध है। हालांकि कोहरे के मामले में इसे कई बार रद्द कर दिया जाता है।
यहां पर श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जो कि बस से 5 घंटे की दूरी पर है उपलब्ध है।
जम्मू हवाई अड्डा जो 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है के लिए भी नियमित उड़ानें हैं।
Dalhousie map
हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए क्लिक करें
- Mcleodganj Himachal Pradesh मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश
- Jibhi Himachal Pradesh । जीभी हिमाचल प्रदेश
- Kasol Kullu Himachal Pradesh कसोल कुल्लू हिमाचल प्रदेश
- kullu places to visit | कुल्लू के पर्यटन स्थल
- manali mein ghumne ki jagah | मनाली की मशहूर जगहें
- shimla ke pramukh paryatan sthal | शिमला के प्रमुख पर्यटन स्थल
- Spiti Valley Himachal Pradesh | स्पीति घाटी हिमाचल प्रदेश
- Lahaul valley Himachal Pradesh | लाहौल वैली हिमाचल प्रदेश
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें