city palace of jaipur Rajasthan सिटी पैलेस जयपुर राजस्थान
महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1729 और 1732 के बीच इस आलीशान और खुबसूरत इमारत, सिटी पैलेस जयपुर (city palace of jaipur) का निर्माण करवाया था।
जब महाराजा सवाई जयसिंह आमेर किले में रहते थे उसी दौरान सिटी पैलेस (city palace of jaipur) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था।
आमेर किला जयपुर शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बहुत ही खूबसूरत और पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
आमेर में पानी की कमी की समस्या के चलते सवाई जयसिंह ने जयपुर शहर और सिटी पैलेस (city palace of jaipur) के निर्माण की योजना बनाई थी।
सिटी पैलेस (city palace of jaipur) का निर्माण कार्य दो प्रतिभा संपन्न वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य और सैमुअल स्वींतन जैकब ने किया था। इन्होंने ही जयपुर शहर का डिजाइन तैयार किया था।
सिटी पैलेस राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का अनोखा मिश्रण है।
सिटी पैलेस में वर्तमान में महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय है जहां तत्कालीन समय की धार्मिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक, कला आदि की विरासत को संजो कर रखा गया।
सिटी पैलेस की इमारतों में राजपूत, मुगल और यूरोपियन शैली का मिश्रण स्पष्ट रूप से नजर आता है। इन इमारतों में लाल और गुलाबी सेंड स्टोन का उपयोग हुआ है, और दीवारों पर बहुत ही खूबसूरत चित्रकारी की गई है।
सिटी पैलेस परिसर में पर्यटकों के लिए चंद्र महल, मुबारक महल, मुकुट महल, महारानी महल, श्री गोविंद देव जी मंदिर और सिटी पैलेस म्यूजियम प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
सिटी पैलेस में जो सबसे प्रमुख आकर्षण है, वह दो स्टर्लिंग चांदी के जार। इन चांदी के जारों को दुनिया के सबसे बड़े चांदी के जारों के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
सिटी पैलेस परिसर में घुसने के लिए वीरेंद्र पोल, उदय पोल और त्रिपोलिया गेट, ये तीन प्रमुख दरवाजे हैं।
Mubarak Mahal city palace of jaipur मुबारक महल सिटी पैलेस जयपुर
मुबारक महल का निर्माण महाराजा माधव सिंह द्वितीय ने करवाया था।
यह महल इस्लामिक, राजपूत और यूरोपीय वास्तु कला का बेहतरीन और अद्भुत मिश्रण है जो पर्यटकों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करता है।
महल में की गई नक्काशी, अंदरूनी दीवारों की खूबसूरती, पीतल से बने दरवाजे, यह सब पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है।
Chandra Mahal city palace of jaipur चंद्र महल सिटी पैलेस जयपुर
चंद्र महल सिटी पैलेस में स्थित एक बहुत ही रमणीय स्थान है जो इस परिसर के पश्चिमी छोर पर स्थित है और खूबसूरत भाग और झील से घिरा हुआ है ।
चंद्र महल एक सात मंजिला इमारत है। इन सातों मंजिलों को इनकी खासियत के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं जैसे प्रीतम निवास, रंग मंदिर, सुख निवास, श्री निवास, मुकुट महल और चाबी निवास।
Pritam niwas chowk city palace of jaipur प्रीतम निवास चौक सिटी पैलेस जयपुर
चंद्र महल की ओर जाने पर एक बड़ा सा आंगन आता है जिसे प्रीतम निवास कहते हैं और जिसमें चार प्रवेश द्वार बने हुए हैं।
यह चारों दरवाजे हिंदू देवी देवताओं को दर्शाते हैं और साथ ही चारों मौसमों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इन दरवाजों में जो मोर गेट है वह भगवान विष्णु को समर्पित है और यह गेट शरद ऋतु को दर्शाता है।
लोटस गेट भगवान शंकर और देवी माता पार्वती को दर्शाता है और यह ग्रीष्म ऋतु का प्रतिनिधित्व करता है।
तीसरा गेट लहरिया गेट है जो श्री भगवान गणेश जी को समर्पित है और साथ ही यह वसंत ऋतु का प्रतिनिधित्व करता है ।
और एक गेट गुलाब द्वार है जो शीतकालीन रितु को दर्शाता है और मां देवी को समर्पित है।
Deewan e khaas city palace of jaipur दीवान ए खास सिटी पैलेस जयपुर
इस हॉल को सर्वतोभद्र भी कहा जाता है, इसका मतलब होता है “प्राइवेट ऑडियंस हॉल”।
यहां पर रखें चांदी के दो बड़े बड़े घड़े आकर्षण का केंद्र है। महाराजा माधव सिंह इन घड़ों में गंगा जल भर कर इन्हें इंग्लैंड ले गए थे।
इन घड़ों को गंगाजली भी कहा जाता है।
इन विशाल घड़ों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
सर्वतो भद्र के पास ही एक छोटा द्वार है जो सभा निवास यानी कि दीवान ए आम की ओर ले जाता है।
Diwan a aam city palace of jaipur दीवान ए आम सिटी पैलेस जयपुर
दीवान ए आम एक खूबसूरत आर्किटेक्ट का नमूना है, जो कि इसके नाम से ही प्रतीत होती है कि यह आम लोगों के लिए बनाई गई होगी । लेकिन इसकी खूबसूरती पर्यटको को अपनी और आकर्षित करती है।
इमारत में खूबसूरत चित्र दीवारों पर और छतों पर चित्रित हैं, जो इसे अद्भुत बनाती है।
Painting and photography gallery city palace of jaipur पेंटिंग और फोटोग्राफी गैलरी सिटी पैलेस जयपुर
महाराजा सवाई मानसिंह संग्रहालय में स्थित पेंटिंग और फोटोग्राफी गैलरी 18वीं और 19वीं शताब्दी के जयपुर को बहुत ही खूबसूरत ढंग से चित्रों के माध्यम से दर्शाती है।
इस संग्रहालय में लगभग 3000 पेंटिंग्स है, जिसमे मुगल और ढकनी पेंटिंग, मुगल पेंटिंग की जयपुर प्रतियां, अन्य राजपूत राज्यों की पेंटिंग, धर्म और संस्कृति से संबंधित पेंटिंग, पांडुलिपियों के चित्र, प्राकृतिक अध्ययन आदि सभी विषयों की पेंटिंग्स और फोटोग्राफ्स शामिल है।
कलाकार साहब राम के बनाए हुए चित्र, जो श्री कृष्ण की रासलीला को दर्शाते है। यह यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
Sileh khana city palace of jaipur सिलेह खाना या शस्त्र और कवच गैलरी सिटी पैलेस जयपुर
सिलेह खाना में कछवाहा राजपूत राजाओं के द्वारा इस्तेमाल करे गए कई हथियारों और कवचो को प्रदर्शन के लिए रखा गया हैं।
इस संग्रह में तत्कालीन समय की तलवारे, जिनके हैंडल खूबसूरत नक्काशी के साथ तैयार किए जाते थे, रखी गई है।
सिलेह खाना में महाराजा राम सिंह जी की तलवार, जिसकी लंबाई 54 सेंटीमीटर है, यह प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
इसके अलावा इस सलेह खाना में राजपूत राजाओं के कवच और उनकी पोशाके भी रखी हुई है, जिन्हें पर्यटक देखने आते हैं।
Map city palace of jaipur
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